प्रकृति प्रेम!

प्रकृति प्रेम!

एक राज़ मैने जाना,
सोचा तुम्हे भी बतलाऊ,
जितना करीब रहोगे प्रकृतीके, 
उतना जनोगे सुकून का महत्व। 

ये हसीन खुशबू की तरंग, 
खिलते हुए फुलो का राग, 
ऐसे छू लेगी दिल, 
जेसे साथ किसी महबूब का। 

एक बात जो सबसे जुदा है, 
ये दगा नही देती, 
बेवजह का सौदा नही करती,
बस सुकून की नींद सुलाती है ।
- रित्ती🌻

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