!!.......तेरा सुरूर......!!



होठो से  छुआ तो जादू सा हुआ। 
हाथो से छुआ तो तू   फूल बनकर महकी।। 

चाँद से जुडी तेरी बाते है।  
सूरज से जुडी तेरी कहानिया है।।  

चन्दन सा इस्पर्श तू। 
छाया में बनाया है। 

राधा सी सायानी तू। 
 मीरा सी दीवानी तू।।


चांदी सा रूप है तेरा। 
फुला का खूबसूरत अश्क तेरा।। 

खठ्ठी सी पहेली है तू। 
मिठ्ठी सी सहेली है तू।। 

रंग बनकर चमकी है तू। 
रंगीनी बनकर छाई है तू।। 

प्यारी सी मुस्कान तेरी   ... 
..........नयारी सी आँखे तेरी। 

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