काश।

काश.....!
काश तुझे मालूम होता,
की अपनों का प्यार क्या होता है।
काश तुझे खबर होती,
की खुशनसीब हूं अपनों के साथ।
काश तू समझता मोल रिश्तों का,
उन अपनों के आंसू आने से पहले।
काश तू सच में समझदार होता,
तो उन्हें दर्द में देख तू कांप जाता।
काश.....!
- रित्ती

Post a Comment

0 Comments